Biography

जाने, कैसे जेफ बेजॉस ने शुरू की अमेज़न ऑनलाइन शॉपिंग साइट

विश्व के सबसे अमीर आदमियों की सूची में एक बार फिर शीर्ष पर काबिज होने वाले जेफ बेजोस का सफर जितना शानदार दिखाई देता उससे कई ज्यादा संघर्ष भरा रहा है। 12 जनवरी 1964 को न्यू मैक्सिको में जन्मे बेजोस का वास्तविक नाम जेफरी प्रेस्टन ‘‘जेफ’’ बेजोस है। बचपन से ही यंत्रिकी कार्यो व विज्ञान के प्रति उनकी रूचि दिखाई देने लगी थी। अपने माता पिता के गैरेज को अपने प्रयोगों के लिए उन्होंने विज्ञान प्रयोगशाला में बदल दिया। प्रिसंटन विश्वविद्यालय में स्नातक में दाखिला लेने के बाद उकता चुके जेफ ने अपना रूख वापस कम्प्यूटर की तरफ मोड़ा। जिसके चलते इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कम्प्यूटर विज्ञान में स्नातक की उपाधी प्राप्त की। अपनी प्रतिभा को दर्शाते हुए उन्होंने वाल स्ट्रीट में कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में काम करने के बाद, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए नेटवर्क बनाने का काम, बैंकर्स ट्र्रस्ट में उपराष्ट्रपति के रूप में तथा बाद में कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में डी.ई.शॉ कम्पनी के लिए काम किया।

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विश्व की सबसे बड़ी ई कामर्स साइड अमेजन की शुरूआत जेफ ने साल 1994 में की। अपनी न्यूयॉर्क से लेकर सिएटल की यात्रा के समय में वे इसी आइडिए पर काम करते रहे। विश्व की इस प्रसिद्ध कम्पनी की शुरूआत उन्होंने एक छोटे से गैरेज से की। शुरूआती समय में इतना ज्यादा लाभ अर्जित न करने के कारण भी उन्होंने अपने हौसलों को हारने नहीं दिया। इसी का नतीजा रहा कि अपनी प्रतिभा का लौहा मनवाते हुए वे एक प्रमुख डॉट-कॉम उद्यमी और अरबपति बन गए। साल 2004 में उन्हेंने ब्लू ओरिजिन नामक एक मानव स्पेस और फलाईट नामक स्टार्टअप कंपनी की शुरूआत की। अपनी कम्पनी से जुड़ी हर छोटी से बड़ी बातों व बारीकियों को जानने के लिए जेफ सदा उत्साहित नजर आए।

साल 1994 में अपनी कामयाबी की शुरूआत के लिए उन्होंने एक छोटे से गैराज में अपना ऑफिस शुरू किया। जहां पहले वह सिर्फ पुरानी किताबों की ब्रिकी करने लगे। इंटरनेट की क्र्रांति को देखते हुए बेजोस ने जब अपने काम के लिए इस आनॅलाइन प्लेटफार्म को चुना तो उन्होनें किताबों को अपनी पहली पंसद बनाया। क्योंकि लोगों के बीच किताबो की मांग जो हमेशा चलती रहेगी। इसको देखते हुए उन्होने इसे कम कीमत पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की। दो हफतों में 20 हजार डॅालर की कमाई होने पर कम्पनी ने अपने भविष्य के सुनहरे सपने देखना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे अपने काम को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए साल 1995 में उन्हेंने अमेजन की बेवसाइट बनाई। अपने ग्राहकों की संख्या में इजाफा करने के लिए उन्होंने इसकी शुरूआत की ।अपने शुरूआती समय में जहां पचास राज्यों में कम्पनी ने अपना बिजनेस शुरू कर दिया वही साल 1997 मात्र दो साल के दौरान कम्पनी के पास लाखों की संख्या में ग्राहक जुड़े। जहां करीब 150 देशों में उन्होनें अपने काम को विस्तृत किया। किसी भी काम की शुरूआत में थोड़ा जोखिम उठाना ही पड़ता है ऐसा ही जेफ के साथ भी हुआ। कम्पनी का शुरूआती समय इतना मुनाफे में नही रहा और करीब लाखों का नुकसान इन्हें झेलना पड़ा। लेकिन धीरे-धीरे यह अपने काम को फैलाते हुए कई देशों के साथ जुड़ती चली गई। अपने शुरूआती समय में कम्पनी को 1.64 करोड़ का रेवेन्यू मिला तो वही 0.96 करोड़ का घाटा। साल 2000 में 11,868 करोड़ का रेवेन्यू तो 0.96 करोड़ रूपये का घाटा मिला। लेकिन अपनी प्रतिभा के दम पर वह आगे बढ़ते ही रहें तथा अपने कारोबार को और लोगों से जोड़ते चले गए इसी के चलते साल 2005 के बाद यह मुनाफे के चलते आगे बढ़ती रही।

आबरा का डाबरा नाम से प्रवाहित बेजोस अपनी कम्पनी का नाम इसी से मिलता जुलता रखना चाहते थे। पर बात नहीं बनी। इसके बाद उन्होनें रेलेंटलैस नाम पर अपनी दिलचस्पी जाहिर की लेकिन अंत में वह अमेजन नाम से अपनी कम्पनी की शुरूआत करने में कामयाब रहे। अपनी बेहतर सुविधाओं के चलते, ग्राहक सेवा करते हुए जल्द ही समस्या का समाधान करने में कम्पनी आज उपभोक्ताओं की पहली पंसद बन गई है। आज अपनी सुविधाएं और आगे बढ़ाते हुए यह न केवल ऑनलाइन शापिंग बल्कि अमेजन प्राइम वीडियो, अमेजन म्यूजिक, ऑडियो बुक, आदि जैसे कई और विकल्प हमारे सामने रखता है। साल 2006 में अमेजन ने ओटीटी प्लेटफार्म पर कदम रखते हुए अमेजन प्राइम वीडियो की शुरूआत की।वही साल 2016 में दिसम्बर में इसे विश्व स्तर पर लान्च करने की तैयारी की गई। जो आज लोगों की पहली पंसद के रूप में बना हुआ है। वही कम्पनी की बीसवी सालगिराह के मौके पर साल 2015 में जुलाई में अमेजन ने प्राइम डे की शुरूआत की जिसमें सिर्फ नौ देशों को शामिल किया गया। कम्प्यूटर के क्षेत्र में इंटरनेट की क्र्रांति आने के बाद जेफ बेजोस ने इसका लाभ उठाते हुए अपने व्यापार का यह आइडिया आजमाने की कोशिश की। शुरूआत समय में उतना फायदा ना मिलने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनका मानना था कि दो तरह की कंपनियां होती है , एक तो वह जो ज्यादा चार्ज करने के लिए काम करती है, और दूसरी वह जो कम चार्ज करने के लिए काम करती है, हम दूसरी वाली होंगे।

दुनिया के सबसे अमीर आदमियों की सूची में पिछले दिनों पहला स्थान हासिल करने वाले दुनिया की सबसे मूल्यवान कार कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलोन मस्क (Elon Musk) जल्द ही भारत के कार बाजार में दस्तक देने की तैयारी कर रहें है। अमेरिका स्थित कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने इस साल अपनी भारत में प्रवेश की योजना बनाई है। यूरोपीय देशों की मजबूत बौद्धिक संपदा टेस्ला को भारत में नवीनतम तकनीक लाने की अनुमति होगी। साथ ही इस कंपनी ने जो रास्ता चुना है उससे इन्हें पूंजीगत लाभ तो होगा ही साथ लाभांश भुगतान पर लाभ प्राप्त होगा।एक जानकारी के अनुसार नीदरलैंड स्थित कंपनी टेस्ला मोटर्स कैलिफोर्निया स्थित टेस्ला इंक की सहायक कंपनी है। नीदरलैड अनुकूल कर दरों और मजबूत आईपी कंपनियों को आकर्षित करता है, विशेष रूप से अमेरिका से, यूरोपीय देश के माध्यम से निवेश करने के लिए। भारत और नीदरलैंड के बीच कर संधियां कंपनियों को पूंजीगत लाभ कर छूट प्राप्त करने की अनुमति देती हैं। यदि किसी भारतीय फर्म के शेयर गैर भारतीय इकाई को बेचे जाते है तो नीदलैंड से आने वाले निवेश कम लाभांश के साथ-साथ करों को भी रोकते हें।

स्पेस टेक्नोलॉजी क्या है?

 जैसा कि भारत बेसब्री से दुनिया की सबसे मूल्यवान कार कंपनी टेस्ला के प्रवेश का इंतजार कर रहा है। साथ ही इस कंपनी के लिए एक बड़ा रेड कार्पेट या कहें कि मार्केट प्लेस तैयार करने की कोशिश कर रहा है।  मास्क द्वारा अक्टूबर में टवीट किया गया कि कंपनी भारतीय कार बाजार में अगले साल  कदम रख्ेगी। यह टवीट टेस्ला क्लब इंडिया नाम के एक हैंडल द्वारा भारत में लान्च के समय पर एक प्रश्न के जवाब में किया गया था।

भारतीय परिवहन पंत्री नितिन गडकरी ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि ‘‘ टेस्ला 2021 की शुरूआत में भारत में संचालन शुरू करेगा। भारत आने वाला मॉडल अधिक किफायती टेस्ला मॉडल 3 होगा। जिसकी कीमत करीब 55 से 60 लाख रूपये तक होने की संभावना है। जिसके लिए बुकिंग कुछ ही हफतों में शुरू होगीं। तो यह कहना साफ होगा कि यह आम आदमी की पहुंच के बिल्कुल बाहर हेगी। जो केवल अपर क्लॉस या रिहायशी लोगों के लिए ही सुविधाजनक होगी।

भारत में अपने बहुप्रतीक्षित लॉन्च से हटकर टेस्ला ने बेंगलुरू की एक कंपनी टेस्ला इंडिया मोटर्स (Tesla car ab india me) एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को एक लाख रूपये की पूंजी और तीन निदेशकों के साथ शामिल किया हैं। जिसमें तीन निदेशकों में से दो मूल कंपनी में उच्च पदस्थ अधिकारी है। वैभव तनेजा टेस्ला में मुख्य लेखा अधिकारी है तो वही डेविड फिन्स्टीन एक वैश्विक वरिष्ठ निदेशक है। कंपनी संभवतः ईट और मोटर शोरूम और सेवा केंद्रों की आवश्यकता को दरकिनार करने के लिए एक प्रत्यक्ष ग्राहक खुदरा मार्ग लेगी।  टेस्ला भारत में विनिर्माण और अनुसंधान एंव विकास के लिए संभवतः भूमि के लिए भी स्काउटिंग कर रहा है।

जैसा कि कार के दामों की संभावना जताई गई है वहीं इसके अलग टेस्ला के मालिक ने कहा कि टेस्ला की कारें महंगी होंगी, लेकिन अंततः भारतीय मध्यम वर्ग के लिए अधिक सस्ती हो सकती है जब कंपनी भारत में अपना उत्पादन शुरू करेगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने एक और टवीट में कहा था कि ‘‘ भारत टेस्ला चाहता है’’। टेस्ला भारत के पांच राज्यों में अपने स्टोर को खोलने की दिशा में बातचीत की प्रक्र्रिया से गुजर रहा है। अपनी योजनाओं को कारगर बनाने के लिए वह काफी उत्साहित दिखाई दे रहा हैं। वह एक कार्यालय, एक आरएंडडी केंद्र और उत्पादन के लिए एक कारखाना खोलने की योजना पर विचार कर रहा हैं।

यह कहना गलत नहीं होगा कि किसी देश की अधिकतर आबादी गरीब है तो उस देश मे टेस्ला के लिए उत्पादन करने के लिए कोई बाजार ना तो विकसित है और न ही विकसित होने की संभावनाएं है। हालांकि, किसी भी देश की पूरी आबादी कारों का इस्तेमाल करती हो ये जरूरी नहीं। केई भी उत्पादन कंपनी अपने लिए उस देश की आबादी का वह हिस्सा चुनती है जो उसके लाभ को बढ़ा सके। जिसमें अपर क्लॉस और रहीस लोग शामिल होते है। और भारत में इसके लिए अच्छा खासा बाजार पहले से ही तैयार खड़ा है।टेस्ला के विकास के लिए भारत में बहुत बड़ा बाजार है, और देश के कई सबसे अमीर लोग कई वर्षा से कंपनी के यहां आने का इंतजार कर रहें है। हालांकि, कंपनी यह जानती है कि चूंकि भारत की अधिकतर आबादी उस मध्यम वर्ग में शामिल है। इसलिए मस्क द्वारा यह कहा गया है कि देश में उत्पादन शुरू होते ही मध्यम वर्ग के लिए यह कारें अधिक सस्ती होंगी। यह कंपनी जल्द ही बेंगलुरू में एक आर एंड डी यूनिट के साथ अपना परिचालन शुरू करेगी। जून तक इसके परिचालन के शुरू होने की संभावनाए बनी हुई है। देखना यह होगा कि भारत के बाजारों में इस कंपनी को किस हद तक अपना कारोबार फैलाने का मौका मिलेगा व भारतीय लोगों के बीच यह कितनी लोकप्रियता हासिल कर पाएगी।

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