Biography

कौन है नरेंद्र मोदी और कैसे बने वह दुनिया के प्रभावशाली व्यक्ति

बचपन में एक औसत छात्र, गहरी बहस करने वाला, स्वभाव से प्रवाभी, भारत के प्रधानमंत्री नरेंन्द दामोदर दास मोदी (Narendra Damodar Das Modi) का जन्म 17 सितंबर 1950 को वडनगर, मेहसाणा जिले, बंबई राज्य वर्तमान गुजरात में एक गुजराती हिन्दू परिवार में हुआ था। अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा वडनगर में पूरी करने के दौरान इनकी रूचि रंगमंच की ओर भी प्रवाभी रही। उन्होंने नाटय प्रस्तुतियों में बडे़- बड़े चरित्रों को निभाना पंसद किया, जिसने उनकी राजनीतिक छवि को प्रभावित किया है। अपने पिता का चाय की दुकान में हाथ बटाने वाले मोदी आठ साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का हिस्सा बने।जहां उनकी मुलाकात हुई उनके राजनीतिक गुरू लक्ष्मणराव इनामदार से। आरएसएस में प्रशिक्षण के दौरान वह वंसत गजेन्द्र गढ़कर और नथमल जग्धा जैसे भारतीय जनसंघ के नेताओं के संपर्क में आए, जो 1980 में भाजपा की गुजरात इकाई के सदस्य थे। अपनी किशोरवस्था के दौरान मोदी ने उत्तरी और उत्तर-पूर्वी भारत में यात्रा करते हुए दो साल बिताए। साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान मोदी अपने चाचा के साथ काम करना बंद कर  इनामदार के अधीन काम कर आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए। साल 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से अपनी स्नातक की शिक्षा प्राप्त कर साल 1983 में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की।

साल 1975 में मोदी आरएसएस के लिए अधिक सक्रिय हो गए। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandi) द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान मोदी को ‘‘गुजरात लोक संघर्ष समिति’’ का महासचिव नियुक्त किया गया जो आरएसएस की गुजरात में आपातकाल के विरोध में समन्वय समिति थी। अपने इसी आक्रोश और प्रभावी व्यक्तित्व के कारण मोदी को गिरफतारी से बचने के लिए भेश बदलकर यात्राएं करनी पड़ी। आरएसएस से जुड़े वांछित व्यक्तियों के लिए सुरक्षित घर ढूढंने और शरणार्थियों तथा कार्यकर्ताओ के लिए धन जुटाने में मोदी ने अहम भूमिका निभाई। साल 1978 में सूरत और वडोदरा के क्षेत्रों में आरएसएस की गतिविधियों की देखरेख करने वाले मोदी आरएसएस के प्रमुख प्रचारक बन गए। साल 1985 में मोदी ने अपना रूख वापस गुजरात की तरफ किया जहां उन्हें भाजपा में भेज दिया गया।साल 1987 में अहमदाबार नगरपालिका चुनावों में भाजपा के अभियान को व्यवस्थित करने में अहम भूमिका निभाने व जीत दर्ज कराने वाला एक अहम कारण मानते हुए साल 1987 में ही भाजपा की गुजरात इकाई का आयोजन सचिव चुना गया। अपने कर्मशील व्यक्तित्व के कारण मोदी पार्टी के भीतर अपनी छवि विकसित करने में कामयाब रहें जिसके चलते उन्हें राष्टीय चुनाव समिति के सदस्य के रूप में नामित किया गया। राजनीति में थोड़े घर्षण के चलते मोदी ने इससे कुछ समय तक किनारा कर लिया और साल 1994 में आडवाणी के आग्रह के बाद पार्टी में वापसी करने के साथ ही पार्टी सचिव के रूप में काम करते हुए पार्टी को विधानसभा चुनांवों में जीत हासिल करवाई।जिसके चलते उन्हें भाजपा का राष्टीय सचिव नियुक्त किया गया। अपने कमर्ठशील व्यक्तित्व के कारण साल 1998 में उन्हें भाजपा का महासचिव नियुक्त किया गया।साल 2001 के पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे रहे केशुभाई पटेल के स्वास्थ्य में खराबी और पटेल की प्रशासनिक कार्यो में विफलता के कारण किसी नए चेहरे की तलाश की जाने लगी। हालांकि, मोदी को उपमुख्यमंत्री बनने की पेशकश की गई। लेकिन वे पूरी तरह से जिम्मेदारी निभाने पर आमदा रहे इसी के चलते 7 अक्टूबर 2001 को उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। और 24 फरवरी 2002 को राजकेट-।। निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव जीतकर गुजरात राज्य की विधायिका में प्रवेश किया। इसके बाद लगातार दो विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर वह गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। 

 सितंबर 2013 में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा का उम्मीदवार नामित किया गया। भाजपा ने 31 प्रतिशत वोट हासिल किए और साल 1984 के बाद अपने दम पर बहुमत हासिल करने वाली पहली पार्टी बन गई। मोदी ने नौकरशाही में दक्षता में सुधार करने का प्रयास किया है, उन्होंने योजना आयोग को समाप्त करके सत्ता को केंद्रीकृत कर दिया है। उन्होंने भारत में स्वच्छता अभियान को बड़े स्तर पर प्रभावी बनाया।उच्च मूल वाले बैंकनोटों का विवादास्पद विमुद्रीकरण शुरू किया और पर्यावरण और श्रम कानूनों को कमजोर या समाप्त कर दिया। 2019 के आम चुनाव में एक बार फिर उनकी पार्टी की जीत के बाद, उनके प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रदद कर दिया। 2019 के आम चुनावों में पार्टी की जीत इसलिए भी खास रही क्योंकि भाजपा के खिलाफ सभी विपक्षी दल गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरें।

साल 2007 में इंडिया टुडे द्वारा राष्टव्यापी सर्वेक्षण में मोदी को सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री चुना गयां ।साल 2014, 2015, 2017 और 2020 में, उन्हें टाइम पत्रिका के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक नामित किया गया।वही साल 2014 और 2016 में टाइम्स पत्रिका द्वारा पर्सन ऑफ द ईयर घोषित किया गया। कोविड महामारी के समय, जनता कफूर्य, कोरोना युद्धाओं को प्रोत्साहित करने से लेकर आदि कामों को लेकर मोदी को दुनिया के आठ नेताओं में शामिल किया गया था।

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