योग का परिचय
भारत के प्राचीन संस्कृति में योग भी एक ऐसा हिस्सा है जो भारत के लिए गौरवमई है। योग की वजह से भारत सदियों तक विश्व गुरु रहा है। योग से स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन के साथ अनेक अध्यात्मिक के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। स्वामी रामदेव जी महाराज ने जिस युग को गुफाओं और कंदराओं से निकाल कर आम जनता तक पहुंचाया था ठीक उसी प्रकार श्री नरेंद्र मोदी जी ने उसी योग को एक कदम आगे बढ़ा कर विश्व पटल पर स्थापित कर दिया। इस योग में पूरे विश्व का विश्वास है कि जिसकी वजह से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा रखे गए पतंजलि योग दर्शन के योग के महान ग्रंथ में योग के बारे में बताया गया है।
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सारे दिन में कुछ मिनट का योग करना चाहिए इसे करने से सारे दिन की थकान दूर हो जाती है हर इंसान को एक रिलैक्स महसूस होता है। योग शरीर का तनाव और हानिकारक पदार्थों से मुक्त कर आता है
योगा करने के 10 फायदे (yoga karne se honge apko ye 10 fayde) :-
- योग का प्रयोग हमेशा से शारीरिक, आध्यात्मिक और मानसिक लाभ के लिए होता आ रहा है। आज यह साबित कर दिया है चिकित्सा शोधों ने की योग मानसिक और शारीरिक रूप से मानव जाति के लिए एक वरदान है।
- जहां योग से शरीर के सभी अंग प्रत्यंग ग्रंथियों का व्यायाम होता है। जिससे शरीर के सारे अंग सही ढंग से कार्य करने लगते हैं वहीं Gym से किसी खास अंग का ही व्यायाम होता है।
- योगा करने से शरीर को बहुत प्रकार के रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। योगा करने से शरीर स्वस्थ, निरोग और बलवान बना रहता है। योगा करने से बुढ़ापे में भी जवान बने रह सकते हैं और आपकी त्वचा पर एक अलग चमक बनी रहती है
- योगासन मांसपेशियों को पुष्टता प्रदान करता है। दुबले-पतले लोगों के योगा करने से योगासन उनके शरीर को ताकतवर बना देता है। योग के नित्य के अभ्यास से शरीर के फैट भी कम हो जाते हैं।
- शरीर के मांस पेशियों को योगासन के नित्य अभ्यासों उसे अच्छा व्यायाम हो जाता है। जिससे शरीर के सारे तनाव दूर हो जाते हैं और एक अच्छी गहरी नींद आती है। जिससे भूख अच्छी रहती है और पाचन भी सही ढंग से होता है।
- शरीर के लिए योग के प्राणायाम एवं ध्यान भी योगासन की तरह बहुत ही फायदेमंद है। स्वास प्रश्रवास की गति पर प्राणायाम के द्वारा नियंत्रित होता है। जिसे श्वसन संस्था संबंधित रोगों में बहुत ही फायदा मिलता है।साइनोसाइटिस, दमा, एलर्जी, पुराना नजला और जुखाम आदि रोगों में प्राणायाम बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होते हैं। प्राणायाम करने से फेफड़ों में ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ जाती है। जिससे शरीर की कोशिकाओं को ऑक्सीजन अधिक मात्रा में प्राप्त होने लगती है। जिससे पूरे शरीर पर एक सकारात्मक असर पड़ता है।
- योगासन में ध्यान भी एक महत्वपूर्ण अंग है। आजकल विदेशों में भी हमारे देशों से ज्यादा ध्यान यानी मेडिटेशन का प्रचार हो रहा है। आज की तारीख में दिन और रात की भाग दौड़ में काम के दबाव और कई चीजों के कारण अधिक तनाव बढ़ जाता है तो ऐसे में मेडिटेशन करना बहुत अच्छा होता है। ध्यान करने से तनाव दूर होता है और आत्मिक शांति महसूस होती है। ध्यान करने से अच्छी नींद आती है और कार्य करने की शक्ति भी बढ़ती है।
- योगासन करने से बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और इससे ब्लड शुगर का लेवल भी घट जाता है। जिन लोगों को डायबिटीज होती है योगासन करना चाहिए यह उनके लिए बहुत ही फायदेमंद होती है।
- कुछ खबरों में ऐसा पाया गया था कि योगासन और मेडिटेशन से बैक पेन, अर्थराइटिस आदि दर्ज में काफी सुधार हो जाता है। जिसे दवा की जरूरत कम होती है।
- योगासन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। दवाओं के ऊपर आप की निर्भरता को कम करता है।
योग करने का सही समय क्या है?
सूर्य उदय होने से पहले योग करने का अच्छा समय होता है। अगर आप सूर्योदय के समय योगासन नहीं कर सकते तो सूर्यास्त के समय कर सकते हैं। अगर आप दिन की रूटीन में योगा के लिए समय तय कर ले तो वह आपके लिए बहुत ही उत्तम होगा। योगासन आप जब भी करे तो किसी प्रकार का नाइट या दरी बिछाकर ही करें। आप योग किसी भी जगह जैसे घर या किसी खुले पार्क में भी कर सकते हैं।
योग की शुरुआत करने के लिए सुझाव या टिप्स
- योगासन को आप धैर्य और दृढ़ता के साथ करें। अगर शरीर में लचीलापन कम हो तो योगासन की शुरुआत में आपको आसन करने में कोई कठिनाई हो सकती। अगर आप आसान शुरुआत में अच्छे से ना कर पा रहे हैं तो उसकी चिंता ना करें। सभी आसान दोबारा करने के साथ ही आसान होते जाते हैं। जिन जोड़ों और मांसपेशियों में खिंचाव कम है वह धीरे-धीरे लचीले होते जाएंगे।
- योगासन करते समय अपने शरीर के साथ जबरदस्ती या जल्दबाजी बिल्कुल भी ना करें।
- योगासन करने की शुरुआत में अब वही आसन करें जिस आसन को आप आसानी से कर पायें। इन चीजों का ध्यान रखें कि योगासन करते समय आपकी सांसे नॉर्मल हो।
- योगासन करते समय 2 आसन के बीच कुछ सेकंड के लिए आराम करें। 2 आसन के बीज कितने समय के लिए विश्राम करना है इसकी अवधि आप अपने शरीर की जरूरत के हिसाब से खुद ही तय कर ले।
अच्छे योगाभ्यास के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान योगाभ्यास नहीं करनी चाहिए। लेकिन आप अपनी शारीरिक क्षमता के हिसाब से या अनुमान लगा सकते हैं कि आपको मासिक धर्म के दौरान योगा सूट करता है या नहीं।
गर्भावस्था में भी योगासन करनी चाहिए लेकिन किसी योग गुरु के देखरेख में करना बेहतर होगा।
10 से कम वर्ष के बच्चों को मुश्किल आसन नहीं कराना चाहिए। उन्हें योगा किसी योग गुरु के निगरानी में ही कराना चाहिए। समय से खाना- पीना चाहिए।
योगासन ध्यान रखें कि आपको आपके शरीर का पूरा ध्यान रखें। नींद पूरी ले शरीर को व्यायाम के साथ पौष्टिक आहार और विश्राम की बहुत अधिक जरूरत होती है। इसलिए समय से सोए।
सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करे?
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