भारत की खुबसूरती यू तो विश्व भर में जानी जाती है। अपनी सभ्यताओं और रिवाजों की विविधता को दर्शाती यह संस्कृति जितनी ज्यादा अकल्पनीय लगती है उतनी ही ज्यादा मन मोहक भी लगती है। विश्व में ऐसी यूं ते कई जगह है जो सुन्दरता की अमिट छाप छोड़ती है। लेकिन भारत में ऐसी भी कई जगह मौजूद है जो अपने आप में कई रहस्य को समेटे हुए है। यह रहस्य कुछ प्राकृतिक कारणों के चलते होते है तो कुछ ऐसे जिनका पता शायद ही कोई लगा पाया है। भारत में ऐसी जगह जो अपने इन्ही रहस्यों के कारण पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने में कामयाब रहती है। वह न केवल भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटक भी इन जगहों के रहस्य को जानने वह यहां घूमने के लिए सदा उत्साहित नजर आते है। ऐसी ही जगह है (India top 10 mysterious place) –
- मैग्नेटिक हिल – लददाख अपनी खुबसूरत वादियों और पहाड़ियों को लेकर सदा ही पर्यटकों का मन लुभाता रहा है। लददाख में स्थित यह मैग्नेटिक पहाड़ी अपने चुंबकीय प्रभाव के कारण काफी लोकप्रिय रही है। इस पहाड़ी पर चढ़ते हुए आप बीस किलोमीटर प्रति घंटे की रफतार से इस पहाड़ी पर जाने वाली सड़क पर चढ़ जाएंगे। मुख्य रूप से यह हिमालय वंडर के नाम से जाना जाता है। ओप्टिकल इलयूजन के कारण यह किसी जादुई किरण की तरह प्रतीत होते है।
- हैंगिग पीलर – दक्षिणी आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित लिपाक्शी का हैगिंग पीलर वास्तव में एक रहस्य बना हुआ है। विजयनगर जैसी शिल्पकला को प्रदर्शित करता हुआ यह पत्थर सोलहवी सदी में की वास्तुकला को भी प्रदर्शित करता है। वास्तव में आप इस पत्थर और जमीन के बीच किसी कागज को डालकर बाहर निकाल सकते है इसके बीच मौजूद गैप को आप आसानी से महसूस कर पाएंगे। पूरा परिसर इन्ही स्तम्भों पर टिका हुआ है। कुछ लेगों ने इस रहस्य को जानने का प्रयास भी किया पर वह आज तक इसका पता लगाने में कामयाब नहीं हो पाए।
- लिविंग रूट ब्रिज – चेरापूंजी मेघालय के लिविंग ब्रिज तीन हजार फीट तक फैला हुआ है। यह एक रबड़ का वृक्ष है जिसने अपनी जड़ों से पत्थरों पर एक घुमावदार रास्ता बना लिया। यह एक ब्रिज की तरह बना हुए है। जैसे नदियें के किनारे स्थित पेड़ अपनी जड़ो का फैलाव नदियें के अंदर तक कर लेते है। कुछ लोगों का मानना है कि मानव द्वारा नदी को पार करने के लिए इस ब्रिज को यह शक्कल दी गई।
- फलोटिंग लेक – भारत के मणिपुर में स्थित यह झील भारत में सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। इसके फलोटिंग फोंडिश के कारण इसे दुनिया का एकमात्र स्थाई झील का नाम दिया गया है। अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के अतिरिक्त यह झील मणिपुर की अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका का निर्वाहन करती है। हाई पावर इमिग्रेशन, वाटर सप्लाई और स्थानीय मछुआरों के लिए जीविका के रूप में सेवा करती है।
- बड़ा इमामबाड़ा – 18 वी सदी में नवाब असफउदुल्ला ने इस अदभुत कला को यूरोप और अरबी वास्तुकला के मिश्रित रूप में प्रदर्शित किया। पचास मीटर लम्बा सेंट्रल हाल और लगभग तीन मंजिला यह इमारत बिना किसी पीलर या बिम्ब के सहारे खड़ी की गई है। हजार से अधिक सीढ़ियो इसको और अधिका रहस्यमयी बना देती है।
- लैंड ऑफ ब्लैक् मैजिक – मेयोंग असम में स्थित यह जगह काले जादू की जगह के रूप में जानी जाती है। पवितोरा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के निकट पावितोरा गुवाहाटी शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गांव है। मेयांग का शाब्दिक अर्थ ही माया माना जाता है। यहां जादू से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित है। आयुर्वेद और काले जादू के कई प्रमाण और अवशेष मेयोंग के संग्रहालय में रखे गए है।
- द अबेंडोनेड विलेज – राजस्थान के कुलधारा में स्थित यह जगह 200 साल के इतिहास की कहानी के साथ प्रचलित है। करीब 13000 से अधिक परिवारों का घर कुलधारा में बसा हुआ था। ऐसा माना जाता है कि रातों रात सभी परिवारें ने इस गांव को छोड़ दिया। कुछ लोककथाओं में इसे किसी श्राप से जोड़कर भी देखा जाने लगा। आज यह जगह किसी खंडहर की तरह मौजूद है। और अफवाहों के साथ गिने चुने लोग यहां अपना जीवन बिता रहे है।
- टिवन्स टाउन – केरल के कोधिनी जगह पर स्थित इस गावं में करीब 2000 के करीब परिवार निवास करते है। इन परिवारों ने करीब 220 जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है जो रहस्य के साथ आश्चर्यजनक भी लगता है। एक आकडो के मुताबिक कोधिनी में पेदा हुए जुड़वा बच्चों की औसल संख्या लगभग छह गुना हे। कई शोधकर्ताओ का मानना रहा कि यह इनके खान पान की शैली के कारण हो सकता है हालांकि, अभी किसी को उस हद तक सफलता हाथ नहीं लगी है।
9. - मास बर्ड सुसाइड – असम के एक छोटे से गावं झाटिंगा के खुबसूरत और शांत नजारे पर्यटन के लिहाज से बहुत ही बेहतरीन है। यहां की हरियाली और खुबसूरत नजारो के बावजूद यह अपनी एक रहस्यमयी घटना के कारण प्रसि़द्ध है। हर साल मानसून के अंत के दौरान सैकड़ो मानसून पक्षी दिन ढलने के पश्चात आत्महत्या कर लेते है। यह घटना अक्सर देखने को मिल जाती है। हालांकि, लोगों की मान्यता के अनुसार ऐसा आकाश में बुरी आत्माओं के प्रभाव के कारण होता है। लेकिन वैज्ञानिकों का मत है कि इसका कारण मानसून के बाद होने वाले घने कोहरे के चलते यह पक्षी अपना रास्ता ढूंढ नहीं पाते वे पेड़ो और चटटानों से टकराकर मर जाते है।
- द स्केलेटन लेक – उत्तराखंड के रूपकुंड में स्थित यह जगह 1600 फीट की उचांई पर स्थित है। इस ग्लेशियर में कई कंकाल भी देखने को मिले हे।जो 1200 साल पुराने होने का अनुमान लगाया गया है। किसी राजा की गर्भवती रानी अपने दल के साथ तीर्थयात्रा पर जाते समय एक तूफान का शिकार होने के चलते मारी गई ।
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