Sans Lene mein Dikkat :-
आजकल के समय में सांस लेने में परेशानी बहुत ही आम समस्या बन चुकी है। बच्चों से लेकर बुढो तक में यह परेशानी फैलती ही जा रही है। बढ़ते प्रदूषण के कारण, बढ़ती गंदगी के कारण प्राकृतिक हवा में सांस ले पाना तो जैसे एक सपना बन गया है। इस बीमारी का दूसरा नाम सीओपीडी भी है। विश्व में तीसरी सबसे बड़ी मौत का कारण है। अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े देशों की अपेक्षा भी भारत के मेट्रो सिटी में चार गुना ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है। हर साल लगभग इस बीमारी से 15 मिलियन लोग पीड़ित होते हैं।
सांस लेने में परेशानी होने की वजह:-
कई वजह से सांस फूलने (Sans Lene mein Dikkat) की समस्या हो सकती है। सांस फूलने के कई कारण है जैसे- काफी दूर तक दौड़ लगा देना, सीढ़ियां चढ़ना, मुझे पहाड़ियां वाले इलाके में चढ़ाई करने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी से ऐसा हो सकता है। इसका मतलब यह नहीं कि यह कोई आम बात है। इस बीमारी को देश डिसपनिया कहते हैं। जिसमें मनुष्य को सांस लेने की परेशानी होती है। कभी भी इस तरह की समस्या हो तो उसे कभी नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए।
अभी जो माहौल है इस माहौल में लोगों को अपने स्वास्थ्य का अधिक ख्याल रखना चाहिए ताकि आप अपने शरीर के स्वस्थ रख सकें। आपको अगर किसी भी तरीके की सांस लेने की परेशानी है तो आप अपने डॉक्टर से जांच जरूर कराएं। जिससे आपको आपकी बीमारी की जानकारी हो सकें। इन चीजों के अलावा भी कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से भी सांस फूलने की परेशानी हो सकती है। यह समस्या श्वसन प्रणाली मैं संक्रमण या हृदय की बीमारी होती है। खून की कमी के कारण भी होती है। जिन लोगों को फेफड़े का कैंसर होता है उन लोगों मैं यह लक्षण अधिक पाए जाते हैं।
इस परेशानी से मुक्ति पाने का उपाय:-
- इस बीमारी में शहद का सेवन बहुत ही लाभदायक माना जाता है। शहद में विटामिन बी और मिनरल होने के कारण शहद म्यूकस को अधिक पतला कर देता है, जिससे कि म्यूकस शरीर से आसानी से बाहर निकल जाता है। जिस खाद्य पदार्थ में विटामिन बी की मात्रा अधिक होती है जैसे कि मेवा, अंकुरित अनाज और फलो को उन्हें अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
- ऐसे समय में पीडितो के लिए अदरक का सेवन भी काफी राहतमंद होता है। आप अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसे चबाकर भी खा सकते हैं या तो उसे चाय में उबालकर भी पी सकते हैं इससे आपको बहुत राहत मिलेगी। कई बार सांस लेने में परेशानी बलगम कारण भी होती है इसीलिए अदरक के सेवन से बलगम को घटाने में काफी सहायता मिलती है। इसके साथ ही साथ सौफ भी पीड़ितों के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसमें बहुत तरह के आयरन मौजूद होते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी कम होती है।
- इस रोग से ग्रसित पीडितो को विटामिन ई युक्त पदार्थ जैसे जैतून का तेल, मूंगफली, वनस्पति, सेव का सेवन करना चाहिए। पैकेट युक्त पदार्थ का सेवन रोगियों के लिए हानिकारक होता है। रोगियों को केवल प्राकृतिक पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए।इसके साथ ही साथ सौफ भी पीड़ितों के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसमें बहुत तरह के आयरन मौजूद होते हैं, जिससे सांस लेने में परेशानी कम होती है।
- ऐसी और भी बहुत सारी चीजें हैं जिसे खाकर या पीकर आपको इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है, जैसे चुकंदर । आप चुकंदर को सलाद के रूप में काटकर भी खा सकते हैं या तो इसका रस निकालकर भी पी सकते हैं। अंदर में भरपूर मात्रा में फाइबर कैल्शियम और पोटेशियम होता है जिसके कारण इस परेशानी में बहुत राहत मिलती है।
- सुबह सुबह व्यायाम करना और सुबह की सैर करना बहुत फायदेमंद होता है एक स्वस्थ शरीर के लिए। प्रातः काल सूर्योदय से पहले ही हमें उठकर खुली हवा में सैर करना चाहिए तथा व्यायाम करना चाहिए। प्राकृतिक हवा में सांस लेने से हमारे अंदर प्रकृति की चीजें जाएगी और हमारे शरीर से गंदगी बाहर निकलेगी।
सांस लेने में परेशानी हो तो क्या खाए?
ऐसे बहुत चीजें हैं जो विटामिन ई युक्त पदार्थ हैं जैसे -मूंगफली,जैतून का तेल, सेब, वनस्पति तेल का सेवन करना चाहिए। जिन लोगों को अस्थमा की परेशानी होती है उनके लिए यह लाभदायक होता है। विटामिन ई से भरपूर ऐसे कई अनाज है जैसे-मेवे, अंकुरित अनाज और फलों का सेवन छाती की जकड़न ,खांसी और सांस लेने में परेशानी की दिक्कतों को कम करता है।
सांस लेने में होती है तकलीफ, इसके घरेलू उपाय
- जब हमें सांस लेने में तकलीफ (Sans Lene mein Dikkat) होती है तो हमें अपनी गर्दन और कंधों के मांस पेशियों को आराम देना चाहिए। उसके बाद नाक से धीरे-धीरे दो बार सांस ले और मुंह बंद रखें। फिर धीरे-धीरे करके फोटो से अपने साथ को छोड़ें और 4 सेकेंड तक ऐसा लगातार करते रहे फिर आपको आराम मिलेगा।
- अगर हम नाक से सांस लेने के बजाय पेट से गहरी सांस लेंगे तो इस तकलीफ में काफी राहत मिलेगी। ऐसे तकलीफ में रोगी को लेट कर अपने दोनों हाथों को पेट पर रखकर पेट को फुलाकर कह रही सांस लेते हुए फेफड़ों में हवा भरना चाहिए। ऐसा लगातार 10 मिनट तक करते रहना चाहिए।
- ऐसे में कॉफी पीना भी काफी फायदेमंद होता है। श्वसन मार्ग की मांसपेशियों में हवा भर जाने से यह दिक्कत होती है, जो कि कैफीन द्वारा ठीक हो जाती है। लेकिन यह घरेलू उपचार केवल 4 घंटे तक ही चलेगा। ऐसे रोग से पीड़ित रोगियों को ब्लैक कॉफी पीना चाहिए लेकिन एक सीमा में।
- नासिका मार्ग जाम हो जाने से भी यह रोग होता है। अगर रोगी गर्म पानी के भाप ले तो नासिका मार्ग खुल जाता है जिससे कि सांस लेने में आसानी होती है।
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